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Thursday, March 30, 2023

असद रउफ का जीवन परिचय Asad Rauf Wikipedia Biography in Hindi

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Asad Rauf Wikipedia Biography in Hindi

क्यों है चर्चा में ?

साल 2000 से 2013 के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी अंपायरिंग से लोगो के दिलो में जगह लेने  वाले Asad Rauf ICC के एलीट पैनल का भी हिस्सा रहे थे।IPL 2013 में हुई मैच फिक्सिंग के मामले में जांच करके बाद, Asad Rauf को भी दोषी पाया था। इसके कारन कुछ समय बाद  BCCI ने उन पर 2016 में पांच साल का पूरीतरह से बैन लगाया था।

उन पर सट्टेबाजों करने से बहोत सारे महंगे तोहफे लेने के आरोप थे। उसके बाद साल 2012 में मुंबई की एक मॉडल ने असद रऊफ ने उस पर दुष्कर्म करने के आरोप लगाए थे।असद रऊफ एक समय ऐसा था जिस समय पर ICC के एलीट पैनल का हिस्सा थे, लेकिन अब वो अपनी घर का रोजी-रोटी के लिए जूते की दुकान चलाते हैं। और साल 2013 आईपीएल में फिक्सिंग करने और शामिल होने के आरोप के बाद उन पर पूरी तरह से पांच साल का बैन लगा था।

असद रउफ कौन है ?

असद रउफ जो की अंपायर थे जो की 2013 आईपीएल में फिक्सिंग में शामिल होने के आरोप के बाद उन्हें पूरी तरह से पांच साल का बैन लगा था। अब वे अंपायरिंग नहीं करते है फील हाल घर के लिए जूते की दुकान चलाते हैं

बायोग्राफी | विकिपीडिया | जीवनी चरित

पूरा नाम असद रउफ
जन्म 12 मई 1956
उम्र 66
जन्म स्थान  लाहौर, पंजाब, पाकिस्तान
राष्ट्रीयता पाकिस्तान
पेशा बैट्समैन , अंपायर
बैटिंग राइट हैंडेड
बोलिंग राइट एआरएम ऑफ स्पिन

सन (2016) असद रउफ को  बीसीसीआई ने बैन लगाया था क्यों ?

आईपीएल 2013 में हुई मैच फिक्सिंग में असद रउफ के बारे में पूरी जांच पड़ताल  के बाद पता चला की वो भी मामले में दोषी पाया थे। इसके कुछ साल बाद BCCI उन पर 2016 में पांच साल का  पूरी तरह से बैन लगाया था। उन पर सट्टेबाजों से मिले हुए बहोत सरे महंगे तोहफे लेने के आरोप थे। इसके बाद इस पर असद रउफ कहा “मैंने IPL में अपना सबसे बेहतरीन समय बिताया, जब तक सब कुछ अच्छा चल रहा थे और ये सब  समस्याएं नहीं आई थीं।” सट्टेबाजों से बहोत सारे महंगे तोहफे लेने के आरोप में असद रऊफ ने ईशपर कहा “उनसे मेरा तो कोई लेना-देना था ही नहीं, वो उन्हीं की तरफ से आए और उन्होंने ही इस बारे सारा फैसला ले लिया।”

असद रउफ को अंपायरिंग से बेन लगाने के बाद क्या कर है ?

असद रउफ को बेन लगने के बाद घर के लिए जूते की दुकान चलाते हैं और अपनी दुकान को लेकर रऊफ ने कहा कि वो यह दुकाने अपने लिए नहीं चला रहे हैं। वो अपने सभी स्टाफ के लोगों के लिए यह दुकान चला रहे हैं। ताकि उनकी घर के लेखा जोखा और रोजी-रोटी चल सके। वो और उनकी पत्नी दिन भर में पांच बार की नमाज पढ़ते हैं। उनका एक प्यारा बेटा दिव्यांग है और दूसरा जो की हाल ही में अमेरिका से अपनी पूरी पढ़ाई कर लौटा है और इससे बहोत खुस है ।

असद रउफ ने खुद को लेकर अचे विश्तार में उन्होंने कहा कि उनकी आदत है कि वो जो भी छोटा या बड़ा काम करते हैं। उसके पूरी जानकारी प्राप्त कर और फिर उसे करने  जाते हैं। उन्होंने जब जब क्रिकेट खेला तो उसके पुईरी पीक पर गए। इसके बाद कुछ साल अंपायरिंग की तो उसके पीक पर गए। अब दुकानदारी में भी उन्हें पूरी तरह से पीक पर जाना है।

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